लेखनी प्रतियोगिता -11-Feb-2023 भयानक यात्रा
एक रात हम बरामदे में चारपाई पर सो रहे थे
जलालत की जिंदगी से दूर सपनों में खो रहे थे
सपनों में जन्नत का नजारा देखकर प्रसन्न थे
खूबसूरत हसीनाओं के जमावड़े से हम सन्न थे
इतने में दो मोटे तगड़े मुस्टंडे मेरे पास आए
मुझे चारपाई समेत उठाकर आसमान में धाए
वे लोग बड़ी तेज गति से सरपट दौड़े जा रहे थे
गिरने के डर से मेरे प्राण हलक में आ रहे थे
हजारों मील ऊपर से चले जा रहे थे वे
रास्ते में आग का दरिया पार करते जा रहे थे वे
उस आग में लोगों को जिंदा जलाया जा रहा था
कोड़ों से कुछ लोगों की चमड़ी को उधड़वाया जा रहा था
कुछ लोगों पर सांप बिच्छू जैसे जहरीले कीड़े छोड़ दिये थे
कुछ लोगों के सिर आपस में भिड़ाकर फोड़ दिये थे
चारों ओर चीत्कार, हाहाकार मचा हुआ था
ऐसी भयानक यात्रा से हमारा साक्षात्कार हुआ था
वो मुस्टंडे बता रहे थे कि पाप का दंड मिल रहा है
किसी का रुण्ड किसी के मुण्ड से जाके मिल रहा है
कुछ भयानक जंगली जानवर जिंदा लोगों को खा रहे थे
उस दृश्य को देखकर डर के मारे मेरे कण्ठ सूखे जा रहे थे
रक्त में नहाई हुई महिलाऐं आर्तनाद कर रही थीं
अपने नवजात शिशुओं का वे खुद ही भक्षण कर रही थीं
उस यात्रा की भयावहता को देखकर दिल दहल गया
लेकिन सामने धर्मराज जी को देखकर दिल संभल गया
चित्रगुप्त जी ने मेरा लेखा जोखा पढकर सुनाया
उन मुस्टंडों ने मुझे बैठाकर शीतल जल पिलाया
अब धर्मराज जी मेरा फैसला सुनाने वाले थे
हम भी अपनी करनी का फल सुनने को उतावले थे
धर्मराज जी बोले "इसका समय अभी बाकी है
इसी नाम का दूसरा व्यक्ति लाना था जो पहने खाकी है
इन्हें ससम्मान वापस छोड़कर आइए
भविष्य में ऐसी गलती ना कभी दोहराइए"
उनकी बातें सुनकर हमारी जान में जान आई
खुशी के मारे हमने जोर की एक छलांग लगाई
बीवी बोली, साठ के हो गये हो अब तो उछलकूद बंद करो
अगला जनम सुधर जाये, कुछ ऐसा बंदोबस्त करो
हमने कहा "हम तो अभी अभी ट्रेलर देखकर आये हैं
तुम अपना बंदोबस्त करो, हम तो हिसाब कर आये हैं"
ऐसी भयानक यात्रा भगवान किसी को ना दिखाए
जिसे देखकर किसी के प्राण हलक में आ जाए
श्री हरि
11.2.23
Punam verma
12-Feb-2023 09:10 AM
Very nice
Reply
Abhinav ji
12-Feb-2023 08:30 AM
Bahut hi bhayanak yatra thi .. very nice 👍
Reply
Abhilasha Deshpande
11-Feb-2023 05:23 PM
Osm
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
11-Feb-2023 10:53 PM
💐💐🙏🙏
Reply